सरकार ने बदल दिया 90 साल पुराना हवाई यात्रा नियम
भारतीय वायुयान विधेयक 2024, 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने और विमानन क्षेत्र के निकायों को अधिक शक्ति देने के लिए पेश किया गया।
विधेयक प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नागरिक उड्डयन क्षेत्र की प्रगति और हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी करने पर जोर देता है।
विधेयक सरकार को विमान डिजाइन, निर्माण, संचालन, और दुर्घटनाओं की जांच के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है।
कांग्रेस सांसदों ने नागर विमानन महानिदेशालय और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए।
यात्रियों और विमान कंपनियों के बीच शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता बताई गई।
सरकार पर हवाई किराए में वृद्धि और विमानन क्षेत्र के निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया।
आम आदमी पार्टी ने हवाई टिकट और हवाई अड्डों पर महंगे खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों पर चिंता व्यक्त की।
मालदीव के मुकाबले लक्षद्वीप का हवाई किराया अधिक होने को लेकर चर्चा हुई।
भाजपा ने विपक्ष पर प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया और चर्चा के स्तर को बनाए रखने की अपील की।
विधेयक पर चर्चा अधूरी रही, जिसमें उड़ान योजना की वास्तविकता पर सवाल उठाए गए।